Blog

Blog

Understanding Heart Attack in Hindi

Heart Attack Symptoms

क्या है हार्ट अटैक?(What is heart attack)

मेडिकल की भाषा में कहें तो हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इनफार्क्शन (Myocardial infarction) के रूप में जाना जाता है। 'मायो' शब्द का अर्थ है मांसपेशी जबकि 'कार्डियल'हृदय को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर, 'इनफार्क्शन' अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण टिश्यू के नष्ट होने को संदर्भित करता है। टिश्यू के नष्ट होने से हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच सकता है। दिल का दौरा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आमतौर पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण अचानक खून की सप्लाई बंद कर देती है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाएं मर जाती हैं। धमनी में ब्लॉकेज यानी की रुकावट अक्सर प्लाक के जमा होने के कारण होती है, जिसके परिणामस्वरूप कोरोनरी हार्ट डीजिज (सीएचडी) होती हैं। अगर इस स्थिति को बिना उपचार के छोड़ दिया जाए तो यह किसी भी व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है। मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन या दिल के दौरे के कारण दिल के टिश्यू को होने वाले नुकसान की गंभीरता अटैक की अवधि (अटैक कितनी देर के लिए आया है) पर निर्भर करती है। अगर आप पहले ही इस स्थिति का निदान कर लेते हैं और उपाचर प्राप्त कर लेते हैं तो आपको कम ही नुकसान होता है।

हार्ट अटैक के लक्षण(Heart attack symptoms)

मायोकार्डियल इनफार्क्शन का सबसे आम लक्षण है छाती में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी। लेकिन हार्ट अटैक के अन्य संकेत भी होते हैं, जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण इनमें शामिल हैं।

  • शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द (Pain in the upper body)
  • बहुत ज्यादा ठंडा पसीना आना (Excess sweating)
  • अचानक चक्कर आना (Sudden dizziness)
  • खांसी और जुकाम का ठीक न होना (Cough and cold do not getting better)

हार्ट अटैक के क्या कारण हैं?(Heart attack causes)

आपके दिल की मांसपेशियों को लगातार ऑक्सीजन के साथ रक्त की आवश्यकता होती है, जिसे कोरोनरी धमनियां पूरा करती हैं। यह रक्त आपूर्ति तब अवरुद्ध हो जाती है जब आपकी धमनियों में प्लाक जमा होता है और नसें संकीर्ण हो जाती हैं। यह फैट, कैल्शियम, प्रोटीन और इंफ्लेमेशन कोशिकाओं द्वारा होता है। प्लाक जमा होने से बाहरी परत कठोर होती है जबकि भीतरी परत मुलायम रहती है। प्लाक कठोर होने की स्थिति में बाहरी आवरण टूट जाता है। इसके टूटने से ऐसी स्थिति बनती है, जिसमें नस के चारों ओर रक्त के थक्के बनने लगते हैं। अगर एक भी रक्त का थक्का आपकी धमनी में आ जाता है तो इससे रक्त की आपूर्ति बाधिक होती है, जिसके कारण आपके हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और स्थिति खराब हो जाती है। ऐसा होने पर मांसपेशी मर जाती है, जिसके परिणामस्वरूप दिल को नुकसान पहुंचता है। नुकसान की तीव्रता, उपचार और अटैक के बीच के समय के अंतराल पर निर्भर करती है। दिल का दौरा पड़ने के बाद हृदय की मांसपेशियां खुद की मरम्मत करने लगती हैं। औसतन, उन्हें ठीक होने में लगभग 2 महीने लगते हैं।

हार्ट अटैक के जोखिम कारक (Heart attack risk Factors):

दिल का दौरा पड़ने के पीछे कई जोखिम कारक हो सकते हैं। यहां, हम आपको सबसे प्रमुख कारकों के बारे में बता रहे हैं:

आयु(Age):

यह दिल के दौरे के आपके जोखिम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साक्ष्य बताते हैं कि 45 साल की उम्र से अधिक पुरुषों और 55 साल की उम्र से ऊपर की महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।

लिंग(Gender):

महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दिल का दौरा पड़ने की संभावना 2 से 3 गुना अधिक होती है। महिला हार्मोन, एस्ट्रोजन, महिलाओं के मामले में ढाल का काम करता है।

आनुवांशिक प्रवृत्ति(hereditary):

अगर आपके घर में पीढ़ियों से ह्रदय रोग (माता-पिता, भाई या बहन) का इतिहास रहा है तो आपको दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना सामान्य आबादी की तुलना में दो गुना है।

हाई ब्लड प्रेशर(High Blood Pressure):

लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर का स्तर आपके ह्रदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे आप दिल के दौरे की चपेट में आ सकते हैं।

खराब कोलेस्ट्रॉल(cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड(Triglyceride) का उच्च स्तर:

खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल का आपकी धमनियों पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि इस कारण से आपकी नसें संकीर्ण हो जाती हैं। इसके अलावा, ट्राइग्लिसराइड के रूप में जाना जाने वाला ब्लड फैट भी दिल का दौरा पड़ने की संभावना को बढ़ा सकता है। ये दोनों कारक काफी हद तक आपकी डाइट से संबंधित होते हैं। इसलिए, दिल का दौरा पड़ने के अपने जोखिम को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक भोजन करना महत्वपूर्ण है।

मोटापा(Obesity):

डायबिटीज के विकास की संभावना को बढ़ाते हुए आपके शरीर का अत्यधिक वजन आपके एलडीएल, ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकता है। ये सभी हार्ट अटैक के पीछे संभावित जोखिम कारक हैं। शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और सीमित मात्रा में भोजन करना शरीर के आदर्श वजन को बनाए रखने का आधार है।

डायबिटीज(Diabetes):

यह स्थिति हाई ब्लड शुगर के स्तर से चिह्नित करती है, एक अन्य स्थिति जो आपको दिल के दौरे की चपेट में ला सकती है।

तनाव(Stress):

यह आपके ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, ये मायोकार्डियल इनफार्क्शन के पीछे एक प्रमुख जोखिम कारक है।

धूम्रपान(Smoking):

यह आपकी धमनियों को कठोर बनाता है और आपके ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ाता है। ये सभी आपके दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाते हैं।

हार्ट अटैक का निदान (Diagnosis of heart attack):

दिल का दौरा आमतौर पर विशिष्ट नैदानिक ​​लक्षणों द्वारा किया जा सकता है और निम्नलिखित परीक्षणों को पूरा करके इसकी पुष्टि की जा सकती है:

ईसीजी(ECG):

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी एक नैदानिक ​​परीक्षण है, जो हृदय के माध्यम से जाने वाले विद्युत संकेतों को मापता है। जब ह्रदय अपने चैम्बर के माध्यम से रक्त पंप करता है तब इन संकेतों का मापा जाता है। इसे एक ग्राफ में दर्ज किया जाता है, जिसमें अलग पैटर्न की तरंगे दिखाई देती हैं। इन तरंगों के आकार के आधार पर, डॉक्टर हृदय की किसी भी असामान्य स्थिति का मूल्यांकन कर सकते हैं।

ब्लड टेस्ट(Blood Test):


कार्डियक एंजाइम की उपस्थिति का पता लगाने के लिए ब्लडवर्क की आवश्यकता होती है, जो दिल के दौरे के दौरान उठाए जाते हैं। इन रीडिंग की मदद से, आपका डॉक्टर अटैक के आकार और समय की पहचान करने में सक्षम होते है। कुछ ब्लड टेस्ट, कुछ हृदय कोशिका प्रोटीन के स्तर को भी मापते हैं जो रक्त की आपूर्ति की कमी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

इकोकार्डियोग्राफी(Echocardiography):

यह दिल के दौरे के दौरान और बाद में किया गया एक इमेजिंग परीक्षण है। यह आपके डॉक्टर को बताता है कि आपका दिल अच्छी तरह से पंप कर रहा है या नहीं। इस परीक्षण से यह भी पता चलता है कि अटैक के दौरान आपके दिल का कोई हिस्सा घायल हुआ है या नहीं।

एंजियोग्राम(Angiogram):

यह धमनियों में रुकावट का पता लगाने के लिए एक इमेजिंग टेस्ट है। दिल के दौरे का निदान करने के लिए इसका उपयोग बहुत ही कम किया जाता है। इस परीक्षण में, एक तरल डाई को कैथेटर के नाम से जानें जानी वाली ट्यूब की मदद से आपके दिल की धमनियों में इंजेक्ट किया जाता है।

कार्डिएक सीटी या एमआरआई स्कैन (Cardiac CT or MRI Scan):

ये इमेजिंग परीक्षण आपकी हृदय की मांसपेशियों को नुकसान की सीमा को प्रकट करते हैं।

हार्ट अटैक का इलाज (Heart attack treatment):

हार्ट अटैक पड़ने पर आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आपके दिल के नुकसान कम करने के लिए आपको जल्दी से जल्दी से इलाज मिले। उपचार स्थिति की गंभीरता के आधार पर बदलता रहता है, जिसमें दवाएं, सर्जिकल इंटरवेंशन और अन्य प्रक्रियाएं भी शामिल हैं।

दवाइयां(Medicine):

आपका डॉक्टर ब्लड क्लॉट के निर्माण को रोकने, दर्द को दूर करने, हार्ट रिदम को नियमित करने, रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने, ब्लड प्रेशर के स्तर को विनियमित करने, आदि के लिए दवाओं को निर्धारित करता है। हालांकि आपका डॉक्टर ही आपकों दवाओं का सुझाव दे सकता है।

सर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं (Heart attack surgery):

दवा चिकित्सा के साथ, आपको निम्नलिखित में से किसी भी प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है:

एंजियोप्लास्टी:

इसमें कोरोनरी एंजियोग्राफी करना, ब्लॉकड धमनी का पता लगाना और ब्लॉक को एक गुब्बारे से खोलना और अंत में ब्लॉक के स्थल पर एक स्टेंट लगाना, जिससे धमनी को खोला रखा जा सके और आपका ब्लड स्वतंत्र रूप से बहता रहे।

बाईपास सर्जरी:

इस प्रक्रिया में सर्जन, ब्लॉकड या संकीर्ण धमनी को दूर किसी स्थान पर आपकी नसों या धमनियों को बदल देता है। एक बायपास सर्जरी आपके रक्त को संकुचित क्षेत्र को दरकिनार करने के बाद आपके दिल तक पहुंचने की अनुमति देती है।

हार्ट अटैक के लिए डाइट(Diet for Heart Attack):

दिल के दौरे के इलाज की आधारशिला स्ट्रोक जैसे भविष्य की जटिलताओं को रोकती है। आपकी भोजन की आदत काफी हद तक प्रभावित करती है, आपके शरीर के विभिन्न अंग कैसे कार्य करते हैं और आपके हृदय को इससे अलग नहीं किया जा सकता है। एक और दिल का दौरा पड़ने की संभावना को कम करने में स्वस्थ भोजन करना महत्वपूर्ण हो सकता है। अपनी प्लेट को उन खाद्य पदार्थों से भरें, जिसमें सैच्यूरेटेड फैट की मात्रा बहुत कम हैं। इनमें से कुछ उदाहरण हो सकते हैं:

  • फल और सब्जियां
  • लीन मीट
  • चिकन
  • नट, सेम, और फलियां
  • मछली
  • साबुत अनाजi>
  • जैतून का तेल
  • कम फैट वाले डेयरी उत्पाद

हार्ट अटैक से बचाव के टिप्स

अपनी जीवन शैली में बदलाव करना और कुछ स्वस्थ आदतें अपनाने से आपके दिल के दौरे के जोखिम को रोकने या कम करने में काफी मदद मिल सकती है। यहां कुछ छोटे-छोटे कदम दिए गए हैं जो ये सुनिश्चित करने में आपकी मदद करेंगे:

  • एक स्वस्थ, संतुलित आहार खाएं (अतिरिक्त फैट / तेल / मांस से बचें; हरी सब्जियां, फल, नट्स, मछली अपनी डाइट में शामिल करें)।
  • धूम्रपान और शराब के अधिक सेवन से बचें।
  • अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के स्तर और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें। शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने के लिए यह बेहद आवश्यक है। हार्ट अटैक के पीछे मोटापा एक प्रमुख जोखिम कारक है।
  • मेडिटेशन, ब्रीदिंग तकनीक और योग व्यायाम का अभ्यास करके तनाव को प्रबंधित करें।
  • डॉक्टर से सालाना स्वास्थ्य जांच कराएं।