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प्रेग्नेंसी(Pregnancy)/गर्भावस्था के शुरुआती संकेत (Early Symptoms of Pregnancy)

प्रेग्नेंसी के शुरुआती संकेत

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) हर दाम्पत्य के जीवन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक है। हर महिला अपने जीवन में इस खास पल का अनुभव करना चाहती हैं। इस प्रक्रिया के दौरान प्रेग्नेंट(Pregnant) महिला को काफी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन इनसे पहले उन्हें इस बात को कंफर्म करना सबसे पहला और जरूरी स्टेप होता है की क्या वे प्रेग्नेंट हैं ? मार्केट में कई तरह के उपकरण और दवाइयां मौजूद हैं जिनके जरिए प्रेग्नेंसी(Pregnancy) टेस्ट किया जा सकता है। लेकिन इनके अलावा भी कुछ उपाय हैं जिनकी मदद से आप घर बैठे अपनी प्रेग्नेंसी(Pregnancy) का पता लगा सकती हैं। प्रेग्नेंसी(Pregnancy) की शुरूआती लक्षणों को देखकर आप इस बात का पता लगा सकती हैं की आप प्रेग्नेंट(Pregnant) हैं या नहीं।

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) के कुछ और शुरुआती संकेत व लक्षण(Early Symptoms of Pregnancy) नीचे दिए गए हैं।

(हर महिला अलग होती है और जरूरी नहीं कि सभी महिलाओं में ये सारे लक्षण दिखाई दें।)

निर्धारित समय पर पीरियड न होना

प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के सभी शुरूआती और खास लक्षणों में से एक लक्षण है पीरियड्स का न आना। प्रेग्नेंसी(Pregnancy) के दिनों में पीरियड रुक जाता है और सामान्य प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान इसका रूकना जरूरी भी है। लेकिन कई बार पीरियड थकान या तनाव के कारण भी रुक जाता है, ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए।

प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान उल्टी आना

प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में महिलाओं को बीमार जैसा और उल्टी जैसा महसूस हो सकती है। सामान्यत: इसे 'मार्निंग सिकनेस'(Morning Sickness) के नाम से जाना जाता है लेकिन ये संकेत दिन या रात किसी भी समय महसूस हो सकते हैं।

कमजोरी और थकावट महसूस करना (Feeling Fatigue & Tired during pregnancy)

प्रेग्नेंसी में कमजोरी और थकावट महसूस करना सामान्य लक्षण है। कमजोरी की वजह से कभी कभी आपको चक्कर भी आ सकता है। पूरे दिन थकावट महसूस करना और नींद की खुराक बढ़ना आपके प्रेगनेंट होने की ओर इशारा कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के कारण आपके शरीर में बहुत तरह के बदलाव होते हैं जिनकी वजह से आप में कमजोरी, थकान और ज्यादा नींद सोने की इच्छा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन आपको इन सबसे घबराने की जरूरत नहीं है, ज्यादा कमजोरी, थकावट या चक्कर आने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। ऐसी स्थिति होने पर इसे कॉमन थकान या कमजोरी समझने के बजाय आप डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं।

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) की शुरुआत में स्तनों में पीड़ा होना (Sore Breast in early pregnancy)

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) की शुरुआत में आपके स्तन अपेक्षाकृत बड़े और उनमें कसाव महसूस हो सकता है, ठीक उसी तरह जैसा पीरियड आने के पहले महसूस होता है। उनमें सिहरन या झुनझुनी भी हो सकती है। नसें ज्यादा साफ दिखाई देने लग सकती हैं और निपल(स्तन का अगला भाग) ज्यादा काला और आगे निकला हुआ दिखता है।

बार-बार पेशाब आना भी अक्सर प्रेग्नेंसी(Pregnancy) का संकेत होता है

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) के दौरान आपको बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस हो सकती है, यहां तक कि रात में भी।

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) के दूसरे लक्षण भी हैं, जिन पर आप गौर कर सकती हैं-

कब्ज (Constipation) होना

प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन(Progesteron) इंटेस्टाइन (Intestine) में कसाव पैदा करता है जिसके कारण आपको शौच करने में तकलीफ होती है। अचानक से हार्मोन के बढ़ने की वजह से मल सख्त और टाइट हो जाता है और डाइजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) खाने को अच्छी तरह से हजम नहीं कर पाता है। अगर पीरियड्स न होने के एक सप्ताह बाद तक आपको कब्ज की शिकायत रहती है तो ये आपकी प्रेग्नेंसी की ओर इशारा करता है। आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करके इस बात को कंफर्म कर सकती हैं।

बिना किसी पीड़ा या जलन के वजाइनल डिस्चार्ज (योनि से निकलने वाला तरल पदार्थ) बढ़ होना।

  • अजीब सा स्वाद और महक महसूस करना प्रेग्नेंसी(Pregnancy) की शुरुआत के दौरान आपको ऐसा लग सकता है कि आपकी इंद्रियां ज्यादा सक्रिय हो गई हैं और जो खाना या ड्रिंक्स आपको पहले बहुत अच्छे लगते थे, उनसे अरुचि होने लगी है। आपको ये भी लक्षण दिख सकते हैं:
  • आपके मुंह में अजीब सा स्वाद होना, जिसे बहुत सी महिलाएं धातु जैसा बताती हैं
  • आपके अंदर नया कुछ खाने की इच्छा पैदा होना
  • आपकी उस खाने या ड्रिंक्स में अरुचि हो जाना, जिसे आप पहले बहुत पसंद करती थीं, जैसे- चाय, कॉफी या वसायुक्त भोजन
  • सामान्य के मुकाबले आपको ज्यादा महक महसूस हो सकती है, जैसे- खाने या कुछ पकने की खुशबू

मूड स्विंग होना (Mood Swings During Pregnancy)

जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं की प्रेग्नेंसी(Pregnancy) के दौरान आपके शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसके रिजल्ट के तौर पर आप एक तरफ छोटी से छोटी बातों पर मुस्कुराती हैं तो दूसरी तरफ आप छोटी से छोटी बात पर दुखी भी हो सकती है और आपको रोना भी आ सकता है। मूड स्विंग होना पीरियड्स से पहले होने वाले संकेतों में से एक है जो बहुत ही रहस्यमय तरीके से शुरू होता है । हार्मोन में असंतुलन होने की वजह से ब्रैन(Brain) में न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter) प्रभावित होते हैं जिसकी वजह से आप ज्यादा भावुक हो जाती हैं। अपनी भावनाओं को लेकर अगर आपको किसी तरह की कोई समस्या हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिल सकती हैं ।

अगर आपका प्रेग्नेंसी(Pregnancy) टेस्ट निगेटिव आए

प्रेग्नेंसी(Pregnancy) का पॉजिटिव रिजल्ट(Positive Result) आना करीब-करीब सही ही होता है। हालांकि, निगेटिव रिजल्ट (Negative Result) आना कम भरोसेमंद है। अगर आपका प्रेग्नेंसी(Pregnancy) रिजल्ट निगेटिव आता है और आपको फिर भी ऐसा लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं तो एक हफ्ते इंतजार कीजिए और फिर दोबारा कोशिश कीजिए।

प्रेग्नेंसी की शुरुआत में इन बातों का ध्यान रखें

प्रेग्नेंसी के शुरूआती लक्षण दिखने पर जैसे ही डॉक्टर से पुष्टि की जाती है, प्रेग्नेंसी में अपने खान पान का अच्छा ध्यान रखें और अनजाने में भी भारी सामान नहीं उठाएं। नीचे हम आपको कुछ कुछ जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद और अपने शिशु को सुरक्षित और सेहतमंद रख सकती हैं।

  • प्रेग्नेंसी के पहले महीने में भारी एक्सरसाइज करना मना होता है लेकिन हल्की फुल्की एक्सरसाइज की जा सकती है। डॉक्टर की सलाह से प्रेग्नेंसी के पहले महीने में पिलेट्स एक्सरसाइज(Pilates Exercise) की जा सकती है। अगर आपको यह एक्सरसाइज नहीं आती तो किसी एक्सपर्ट से सीख सकती है।
  • डिहाइड्रेशन न हो इसलिए आठ से दस ग्लास पानी पीएं। ऐसा करने से डायरिया भी नहीं होगा।
  • डॉक्टर की सलाह से विटामिन सप्लीमेंट या विटामिन युक्त फूड्स का सेवन करें।
  • खुद को खुश रखें और अच्छी किताबें पढ़ें। इससे मन खुश रहेगा और शिशु पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
  • पहले महीने में लंबा सफर न करें क्योंकि इससे मिसकैरिज की संभावना रहती है।
  • हिल वाली सेंडिल न पहनें क्योंकि इससे यूटेरस पर असर पड़ता है । ऊंची सेंडिल से पैर मुड़ सकता है या फिर जमीन पर गिरने का खतरा रहता है।
  • प्रेग्नेंसी के पहले महीने में ज्यादा न झुकें क्योंकि इससे पेट पर दबाव पड़ सकता है।
  • डॉक्टर के सलाह के बिना छोटी मोटी तकलीफों के लिए दवा न लें।
  • सुबह की ताजा हवा में घूमें क्योंकि इससे मन खुश रहता है।
  • कॉस्मेटिक सामान का इस्तेमाल करते समय सावधान रहें और ज्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से बचे।
  • हॉट टब बाथ या सॉना बाथ बिल्कुल ना लें। इसमें तापमान 70 डिग्री सेल्सियस से 100 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है जिससे मिसकैरिज का खतरा है।