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What is IVF in Hindi? Kaise Karein IVF ke Dwara Garbhadharna?

IVF Treatment

आईवीएफ(IVF) क्या होता है और कैसे किया जाता है?

माँ बनाना किसी भी महिला के लिए दुनिया की सबसे खुबसूरत चीज़ होती है। माँ बनने का एहसास ही उसके के लिए बेहद खास होता है। लेकिन अगर किसी वजह से कोई महिला माँ नहीं बन पाती तो यह उसके लिए एक कमी जैसा होता है। एक महिला के माँ न बनने के कई कारण हो सकते हैं, उनमें से एक है महिला या पुरुष का बांझपन। कुछ साल पहले की ही बात करें तो यदि एक महिला माँ नहीं बन सकती थी तो यह उसके लिए बहुत बड़ी समस्या थी। लेकिन आज समय बदल चुका है। मेडिकल फील्ड ने बेहद डेवलपमेंट कर ली है और अब महिला के लिए कई ऐसे ट्रीटमेंट उपलब्ध है जिनसे बांझपन को आसानी से दूर करने में मदद मिल सकती है। इनमें से एक का नाम है आईवीएफ(IVF) यानी कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन(In-Vitro Fertilization)। आज इसी ट्रीटमेंट की मदद से दाम्पत्य आसानी से माता-पिता बन पाते हैं और एक बच्चे के अपने जीवन में होने की खुशी को महसूस कर पाते हैं।

आईवीएफ के अच्छे सक्सेस रेट की वजह से ही यह बहुत तेजी से लोकप्रिय भी हो रहा है। आज के टाइम में हर एरिया में आईवीएफ(IVF) के डॉक्टर आसानी से मिल जाते हैं जिनके बारे में पता लगाने के लिए फीडबैक भी उपलब्ध होते हैं। ऐसे में आप आसानी से फैसला कर सकते हैं कि आपको किस डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह ट्रीटमेंट करवाने में खर्चा भी बहुत ज्यादा नहीं आता इसलिए एक आम आदमी भी इसके विषय में सोच सकता है।

आईवीएफ प्रक्रिया(IVF Procedure):

आईवीएफ ट्रीटमेंट (IVF Treatment) यह इन विट्रो फर्टिलाइजेशन और टेस्ट ट्यूब बेबी(Test Tube Baby) के नाम से भी जाना जाता है। पहली बार इस प्रक्रिया का उपयोग 1978 में इंग्लैंड में हुआ। इस प्रक्रिया में एक लैबोरेट्री में कुछ खास परिस्थितियों में पुरुष के स्पर्म और महिला के एग को आपस में मिलाया जाता है। जब इनके मिलने से भ्रूण बन जाता है तो उसे दोबारा से महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। माना कि आईवीएफ ट्रीटमेंट एक मुश्किल प्रोसेस है लेकिन फिर भी लोग इसे तेजी से अपना रहे हैं क्योंकि इसका सक्सेस रेट काफी अच्छा है। दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि आज के समय में जो माता-पिता बच्चा पैदा नहीं कर पा रहे हैं उनके लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट एक वरदान साबित हो रहा है।

आईवीएफ ट्रीटमेंट (IVF Treatment):

आइये IVF प्रक्रिया के बारे में जानकारी लेते है, आईवीएफ उपचार से पहले, डॉक्टर द्वारा सलाह लेनी चाहिए की, यह ट्रीटमेंट आपके लिए सही है या नही, आप इस ट्रीटमेंट के लिए सही कैंडिडेट है भी या नहीं। आपकी मेडिकल हिस्ट्री, आपके स्वास्थ्य आदि के बारे में जानने के बाद ही आप जान सकते हैं कि, आपको आईवीएफ(IVF) करवाना चाहिए या नहीं। आईवीएफ (IVF) तकनीक की पूरी प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है जिनमें शामिल हैं

  • ओवेरियन स्टिमुलेशन(Ovarian Stimulation)
  • एग रिट्रीवल (Egg Retrieval)
  • स्पर्म रिट्रीवल(Sperm Retrieval)
  • फर्टिलाइजेशन(Fertilization) और
  • एंब्रियो ट्रांसफर (Embryo Transfer)

आईवीएफ ट्रीटमेंट के एक साइकिल में लगभग 2 से 3 हफ्ते लग सकते हैं और इसमें एक से ज्यादा साइकिल की जरूरत होती है।

ओवेरियन स्टिमुलेशन(Ovarian Stimulation)

आईवीएफ सायकल में, आप अधिक से अधिक मच्युअर एग जनरेट करके अपनी सफलता की संभावना को अधिकतम करते हैं। स्टिमुलेशन फेज में ओवरीज में ज्यादा एग पैदा होने में बढ़ावा मिलने के लिए 8-14 दिनों के दवाओं का इंजेक्शन शामिल होता है। यदि आपकी फॉलिकल मच्युअर होने के लिए धीमी हैं तो स्टिमुलेशन फेज में अधिक समय लगता है।

मेडिकेशन स्टिमुलेट दो प्रमुख हार्मोन होता है; फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) और ल्यूटेनाइजिंग हॉर्मोन (LH)। इन हार्मोन्स के निम्नलिखित प्रभाव होते हैं:

जैसा कि नाम से पता चलता है, FSH मेंस्ट्रुअल सायकल के दौरान फॉलिकल को विकसित करने के लिए उत्तेजित करता है। आम तौर पर, नॉन-डोमिनेंट फॉलिकल ओव्यूलेशन से पहले मर जाते हैं क्योंकि FSH का स्तर गिर जाता है। FSH इंजेक्शन शरीर में एफएसएच के उच्च स्तर को बनाए रखते हैं, जिससे ओवरीज अधिक मच्युअर एग का उत्पादन कर सकते हैं।

ओव्यूलेशन से ठीक पहले, एस्ट्रोजन का उच्च स्तर LH में एक स्पाइक को ट्रिगर करता है, जो ओव्यूलेशन का कारण बनता है। ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) की एक बड़ी खुराक का 'ट्रिगर शॉट', जो ओव्यूलेशन को उत्तेजित करता है, और ओवेरियन स्टीमुलेशन प्रक्रिया शुरू करता है।

एग रिट्रीवल (Egg Retrieval)

ओवरी से एग निकालने का प्रोसेस महिला के ओवुलेशन प्रोसेस के 34 से 36 घंटे बाद ही शुरू किया जाता है। यह प्रोसेस डॉक्टर के क्लीनिक में भी किया जा सकता है। ऐसे समय में आपको बेहोश किया जाता है और ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड की मदद से आपकी वैजाइना में एक बहुत ही पतली सुई डालकर एग को निकाला जाता है। जो अंडे स्वस्थ और परिपक्व होते हैं उन्हें स्पर्म से मिलाया जाता है। यह अलग बात है कि सभी एग को सफलतापूर्वक फर्टिलाइज नहीं किया जा सकता हैं।

स्पर्म रिट्रीवल(Sperm Retrieval)

स्पर्म रेट्रीवल एक एडवांस्ड माइक्रोसर्जिकल तकनीक है जिसका उपयोग मेल फैक्टर फर्टिलिटी के मामलों में शुक्राणु की हार्वेस्ट के लिए किया जाता है जहां इजाकुलेट में बहुत कम या कोई स्पर्म मौजूद नहीं होता है। स्पर्म रेट्रीवल एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जो आईवीएफ (IVF) में उपयोग के लिए वायबल स्पर्म (Viable Sperm) प्राप्त करने में प्रभावी साबित हुई है।

फर्टिलाइजेशन(Fertilization)

यह प्रोसेस आमतौर पर दो तरीकों के इस्तेमाल से किया जा सकता है:

परंपरागत गर्भधारण -

पारंपरिक गर्भधारण के दौरान एग और स्पर्म को आपस में मिलाया जाता है और ऊष्मायन किया जाता है।

इंट्रा साइटो प्लाज़्मिक स्पर्म इंजेक्शन (Intracytoplasmic Sperm Injection) -

इसमें एक स्वस्थ स्पर्म को अंडे में इंजेक्ट किया जाता है। ऐसा तब किया जाता है जब स्पर्म की क्वालिटी या नंबर सही नहीं होता या जब पहली साइकिल के दौरान फर्टिलाइजेशन असफल हो जाता है।

एंब्रियो ट्रांसफर (Embryo Transfer)।

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन(IVF) प्रक्रिया का अंतिम हिस्सा एंब्रियो ट्रांसफर है। आईवीएफ के दौरान, ओवरीज को हेल्थी एग जारी करने हेतु स्टिमुलेट करने के लिए प्रजनन दवाओं का उपयोग किया जाता है। फिर इन एग को एक महिला के ओवरीज से निकाल दिया जाता है और एक प्रयोगशाला में फर्टिलाइज किया जाता है। एक बार जब फर्टिलाइज एग की संख्या बढ़ जाती हैं, तो एंब्रियो को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। गर्भावस्था शुरू करने के लिए, एंब्रियो(भ्रूण) को उसके गर्भ या गर्भाशय की युटेरस से जोड़ना होगा।

आईवीएफ के बाद किन बातों का ध्यान दें (Cautions To Take After IVF Treatment)

आईवीएफ उपचार के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे आईवीएफ उपचार सफल होने की संभावना बढ़ती है।

आईवीएफ उपचार के बाद आपको निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए:-

  • सेक्स से दूर रहें
  • भारी सामान न उठाएं
  • नशीली चीजों से दूर रहें
  • समय पर दवाएं लें
  • संतुलित डाइट लें
  • तनाव से दूर रहें
  • स्वस्थ वजन रखें
  • खुश और फ्रेश रहें

आईवीएफ उपचार के बाद, आपमें अनेको भावनात्मक और शारीरिक बदलाव आते हैं। आईवीएफ उपचार के बाद अगर आपको किसी तरह की कोई परेशानी या मन में प्रश्न हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क कर उन्हें अपनी परेशानियों के बारे में बताएं।