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पित्त की पथरी: कारण, लक्षण और उपचार (Gall Bladder Stone: Causes, Symptoms, and Treatments in Hindi)

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पित्ताशय की पथरी क्या है? (What is Gall Bladder Stone)

बहुत से लोग गॉल ब्लैडर स्टोन से पीड़ित हैं। पित्ताशय हमारे शरीर के दाहिनी बगल में लीवर के नीचे स्थित होता है। इसमें पित्त (Bile) स्टोअर किया जाता है। इस पित्त का उपयोग पाचनक्रिया के लिए किया जाता है।पित्ताशय में कभी-कभी पित्ताशय पथरी(गॉल ब्लैडर स्टोन) हो जाती है। पित्ताशय के पित्त में कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण अधिक होने से गॉल ब्लैडर स्टोन होता है। यह समस्या पुरुषों के बदलें महिलाओं में अधिक पाई जाती है।

पित्ताशय की पथरी के प्रकार (Types of Gall Bladder Stones)

पित्ताशय की पथरी के प्रकार - Types of Gallstone in hindi पित्ताशय की पथरी के इलाज के बारे में जानकारी से पहले यह जानना आवश्यक है कि पित्त की पथरी कितने प्रकार की होती है। कुछ मामलों में पथरी के प्रकार के आधार पर ही इलाज की योजना बनती है। पित्ताशय की पथरी को उनकी संरचना के आधार पर दो मुख्य प्रकार में बांटा गया है:

  • कोलेस्ट्रॉल पथरी: कोलेस्ट्रॉल की पथरी पित्ताशय की पथरी का सबसे आम प्रकार है। यह लगभग 80 से 85% मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है कि जो पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनती है वह कोलेस्ट्रॉल पथरी कहलाती है। यह पित्त में पाया जाने वाला एक वसायुक्त पदार्थ है। यह पथरी आकार और रंग में भिन्न हो सकती हैं। अधिकतर मामलों में पथरी का रंग पीला और हरा होगा। कोलेस्ट्रॉल की पथरी तब विकसित होती है जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित नहीं होती है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में कोलेस्ट्रॉल मात्रा बढ़ जाती है और यह जमने लग जाते हैं।
  • पिगमेंट पथरी: पिगमेंट पथरी मुख्य रूप से बिलीरुबिन से बनती है। बिलीरुबिन एक प्रकार का पदार्थ है जो रेड ब्लड सेल्स के टूटने के बाद उत्पन्न होने वाले वेस्ट प्रोडक्ट से बनता है। इस प्रकार की पथरी का निर्माण कैल्शियम से भी हो सकता है, जो पित्त में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल की पथरी के विपरीत, ये पथरी आम तौर पर छोटी और गहरे रंग की होती है। जब पित्त में बिलीरुबिन की मात्रा अत्यधिक हो जाती है तो पित्त अपना काम नहीं कर पाती है, जिसके कारण पित्त की पथरी का निर्माण होता है।

पित्ताशय की पथरी क्यों होती है? (Causes of Gall Bladder Stone)

पित्ताशय की पथरी(Gall Bladder Stone) निम्न कारणों से होती है:

  • पित्ताशय में रासायनिक असंतुलन(Chemical imbalance in Gall Bladder) पित्त पथरी का कारण बनता है।
  • पित्ताशय के पित्त में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम ग्लाइकोकोलेट और बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने से पित्ताशय की पथरी(Gall Bladder Stone) होती है।
  • पित्ताशय में 80 प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनी होती है।
  • 20 प्रतिशत पित्त पथरी कैल्शियम ग्लाइकोलेट और बिलीरुबिन से बनी होती है।

पित्ताशय की पथरी के जटिलताएं (Complications of Gall Bladder Stones)

पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन) के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इनसे हो सकने वाली कुछ जटिलताएं इस प्रकार हैं:

  • गॉलब्लैडर या पित्ताशय की बीमारियां: पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन), बिलियरी डिसकाइनेजिया और पित्ताशय के कैंसर जैसी पित्ताशय की विभिन्न बीमारियां पैदा कर सकती हैं। इससे पित्त (बाइल) का प्रवाह रुक सकता है, जिससे पित्ताशय में सूजन और स्कारिंग हो सकती है।
  • लिवर की बीमारी: जब पित्त लिवर में वापस आता है, तो यह स्कारिंग और सूजन पैदा कर सकता है। लगातार ऐसा होते रहने से लिवर में क्षति हो सकती है।
  • गॉलस्टोन पैंक्रियाटाइटिस: पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन) के कारण ब्लॉक हो चुकी पैंक्रियाटिक डक्ट(Pancreatic Duct) के कारण पैंक्रियाज़(Pancreas ) या अग्नाशय में सूजन आ सकती है।
  • पीलिया (जॉन्डिंस): जब यह इकट्ठा हुआ पित्त खून में जाता है, तो इसके कारण आंखों तथा स्किन में पीलापन आ सकता है। ऐसा बिलीरुबिन के कारण होता है, जो पित्त में बनने वाला एक पीले रंग का रंजक (पिगमेंट) है।

पित्ताशय की पथरी के लक्षण (Symptoms of Gall Bladder Stone)

आमतौर पर पित्ताशय की पथरी के लक्षण(Symptoms of Gall Bladder Stone) काफ़ी लोगों में दिखाई नहीं देते.

  • पित्ताशय की पथरी की वजह से पित्ताशय की सूजन और दाहिनी बगल में दर्द
  • पेट में दर्द
  • बुखार
  • जी मिचलाना
  • उल्टी होना
  • पीलिया(Jaundice)
  • पेशाब का गहरा पड़ना,
  • मल सफेद या मैले रंग का होना,
  • पसीना
  • पेट भर जाना और डकार आना

पित्ताशय की पथरी का निदान (Diagnosis of Gall Bladder Stones)

पित्ताशय की पथरी का निदान
(Diagnosis of Gall Bladder Stone):

  • मरीज़ अपने लक्षण देख कर और फ़िज़िकल टेस्ट करके अपने डॉक्टर से परामर्श करके अपने उपचार का निदान कर सकते हैं।
  • इसे स्पष्ट करने के लिए कुछ टेस्ट और निदान की आवश्यकता हो सकती है।
  • पित्ताशय में पथरी की उपस्थिति की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एक्स-रे या रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन किया जाना चाहिए।
  • पित्त नली की स्थिति का आकलन करने के लिए एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजनोपैंक्रियाटोग्राफी (ईआरसीपी) का उपयोग किया जा सकता है।
  • इसके अलावा रक्त परीक्षण से रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा मापी जाती है।

पित्ताशय की पथरी का घरेलू उपचार और आहार(Home Remedies for Gall Bladder Stones)

आम तौर पर पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए घरेलू नुस्ख़ो का ही अपने आहार में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है-

  • एप्पल सिडार विनेगार(Apple Cider Vinegar)
  • नाशपाती(Pear)
  • चुकंदर, खीरा और गाजर का रस
  • सिंहपर्णी (Dandelion)
  • पुदीना(Mint)
  • इसबगोल(Isabgol)
  • नींबू(Lemon)
  • लाल शिमला मिर्च(Red Capsicum)
  • साबुत अनाज(Grain)
  • हल्दी
  • विटामिन सी

पित्ताशय की पथरी के रोगियों के लिए आहार (Diet tips for Gall Bladder Stone):

पित्त पथरी के उपचार में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपको पित्ताशय में पथरी है तो क्या खाना चाहिए यह जान ले।
पित्ताशय की पथरी हो तो क्या ख़ाना चाहिए:

  • फ़ायबर्स से भरपूर स्वस्थ आहार लें.
  • हरी सब्जियां, फल और विभिन्न फलों को अपने आहार में शामिल करे।
  • आहार में विटामिन सी, आयरन और लेसिथिन को शामिल करना चाहिए।
  • पूरे दिन में भरपूर मात्रा में पानी पियें।

पित्ताशय की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए -

  • ऑइली और फैट वाला खाना नहीं खाएं।
  • सैचुरेटेड फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे घी, मक्खन, डालडा, चॉकलेट, केक, बिस्कुट, विभिन्न मिठाइयाँ, अंडे की बल्क, पशु उत्पाद ना खाए।

पित्ताशय की पथरी के इलाज की आवश्यकता कब होती है? (When is it Required to Undergo Treatment?)

हर किसी को पथरी के इलाज की आवश्यता नहीं होती है। मूक पथरी को बारीक़ निरीक्षण में रखा जा सकता है। अन्य सभी रोगियों को जिन्हें पित्त की पथरी से संबंधित लक्षण (दर्द, बुखार, पीलिया, अग्नाशय में सूजन) अनुभव हुए हैं उन्हें चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। पित्त की पथरी और पित्ताशय के कैंसर के इतिहास वाले व्यक्तियों और परिवारों को भी उपचार की आवश्यकता होती है

पित्ताशय की पथरी के इलाज की आवश्यकता कब होती है? (When is it Required to Undergo Treatment?)

हर किसी को पथरी के इलाज की आवश्यता नहीं होती है। मूक पथरी को बारीक़ निरीक्षण में रखा जा सकता है। अन्य सभी रोगियों को जिन्हें पित्त की पथरी से संबंधित लक्षण (दर्द, बुखार, पीलिया, अग्नाशय में सूजन) अनुभव हुए हैं उन्हें चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। पित्त की पथरी और पित्ताशय के कैंसर के इतिहास वाले व्यक्तियों और परिवारों को भी उपचार की आवश्यकता होती है

पित्ताशय की पथरी का इलाज (Treatment of Gall Bladder Stones)

  • पित्ताशय की पथरी का इलाज दवाओं के ज़रिए मतलब गैर-सर्जिकल या सर्जिकल उपचार से किया जा सकता है।
  • यदि छोटे-छोटे कंकड़ हों तो दवाईया उपयोगी हो सकती हैं।
  • पित्ताशय की पथरी एक बार निकल जाने के बाद दोबारा बन सकती है। इसके लिए सर्जरी द्वारा संपूर्ण पित्ताशय को निकालने की सलाह दी जाती है।
  • यदि पित्ताशय में बार बार पथरी होती है, तो पित्ताशय को निकालने के लिए कोलेसिस्टेक्टोमी की जाती है।
  • इसके अलावा, यकृत(Liver) पित्त को छोटी आंत में छोड़ने की व्यवस्था करता है। यदि पित्ताशय को निकाल दें तो भी पित्त स्मॉल इंटेस्टाइन में आता है तो पाचन प्रक्रिया में कुछ फर्क नहीं होता है।

पथरी निकालने के बाद कौन-सी बातों का ध्यान देना चाहिए (After Removal Care)

सर्जरी के बाद 4 से 6 हफ्ते तक भारी आहार न लें।
इसके अलावा सर्जरी के कोई अन्य बड़े प्रतिबंध नहीं हैं। आप सर्जरी के अगले दिन ही अपना रोजमर्रा का काम शुरू कर सकते हैं।
लेकिन ज्यादा तनाव वाली गतिविधियां करने के लिए सर्जरी के बाद लगभग 1 माह तक इंतजार कर लें।
पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद क्या खाएं और किन चीजों से बचें।

  • कम फॅट वाले आहार लें
  • हल्के और सॉफ्ट फूड खाएं
  • शुगर से करें परहेज
  • पर्याप्त पानी पिएं
  • इन चीजों के साथ ही अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। इससे पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद तेजी से उबरने में मदद मिलती है।

महिलाओं में पित्त पथरी की सामान्य समस्या क्यों होती है।

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पित्ताशय की थैली के संकुचन को कम करता है जबकि एस्ट्रोजन हॉर्मोन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था ऐसे समय इन दोनों हार्मोन का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसीलिए रजोनिवृत्ति के समय एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी के कारण, कई महिलाएं अपने हार्मोनल स्तर को सही रखने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HT) का सहारा लेती हैं। नतीजतन, महिलाओं में वजन बढ़ने और घटने की संभावना अधिक होती है। अतिरिक्त वजन महिलाओं के रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। मोटापा एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के ऊंचे स्तर से जुड़ा हुआ है। उसी तरह तेजी से वजन घटने का प्रभाव वजन बढ़ने के समान ही होता है। जब आप एक साथ बहुत अधिक वजन कम करते हैं, तो आपका लीवर कोलेस्ट्रॉल की असामान्य रूप से अत्यधिक मात्रा को सम्भालता है, जिसे संसाधित कर आपके पित्त में भेज दिया जाता है। अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल की वजह से महिलाओं में पित्त पथरी होने की संभावना अत्यधिक हो जाती हैं।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When to See a Doctor?)

  • पेट में दर्द इतना तेज होता है कि आप सीधे नहीं बैठ सकें।
  • त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ जाना।
  • पेट में दर्द के साथ ठण्ड लगकर तेज बुखार आना या उल्टी आने

जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जायें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1. पित्ताशय की पथरी के क्या प्राथमिक और सुरक्षित चिकित्सा उपाय होते हैं?
पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।

प्रश्न 2. पित्ताशय की पथरी के क्या संभावित समस्याएं हो सकती हैं?
गॉलस्टोन या पित्ताशय की सर्जरी आम तौर पर सुरक्षित होती है, सर्जरी के दौरान जटिलताएं होने की संभावनाएं काफी कम होती हैं। सर्जरी के बाद, पेट में दर्द या गैस जैसी समस्याएं आ सकती हैं।

प्रश्न 3. पित्ताशय की पथरी का सामान्य उपचार कितने समय तक लगसकता है?
रोगियों को अक्सर 1 हफ्ते के लिए किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों जैसे – खेल कूद, स्विमिंग, या भारी सामान उठाने आदि ना करने की सलाह दी जाती है। इस तरह की सर्जरी के दो हफ्ते के बाद आप अपने रोजाना के कार्यों को करने के लिए सक्षम हो पाते हैं। डॉक्टर आपको आहार और शारीरिक प्रतिबंधों के बारे में निर्देश देते है जिसके साथ आप जल्द से जल्द अपने दैनिक कार्यों को करने में सफल हो पाएंगे।

प्रश्न 4. पित्ताशय की पथरी के बाद आहार में किन बदलावों कीआवश्यकता होती है?
पित्त पथरी के उपचार में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपको पित्ताशय में पथरी है तो क्या खाना चाहिए यह जान ले।
पित्ताशय की पथरी हो तो क्या ख़ाना चाहिए:

  • फ़ायबर्स से भरपूर स्वस्थ आहार लें.
  • हरी सब्जियां, फल और विभिन्न फलों को अपने आहार में शामिल करे।
  • आहार में विटामिन सी, आयरन और लेसिथिन को शामिल करना चाहिए।
  • पूरे दिन में भरपूर मात्रा में पानी पियें।

पित्ताशय की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए -

  • ऑइली और फैट वाला खाना नहीं खाएं।
  • सैचुरेटेड फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे घी, मक्खन, डालडा, चॉकलेट, केक, बिस्कुट, विभिन्न मिठाइयाँ, अंडे की बल्क, पशु उत्पाद ना खाए।

प्रश्न 5. पित्ताशय की पथरी के क्या पूर्वनिर्धारित चिकित्सा जांचें होती हैं?
(Test of Gall Bladder Stone):

  • बिलीरुबिन टेस्ट(Bilirubin Test): पित्त नलिकाओं (बाइल डक्ट) में रुकावटों के बारे में जानने के लिए आपके खून में बिलीरुबिन की मात्रा को मापता है।
  • लिवर फंक्शन टेस्ट(Liver Function Test): आपके लिवर के स्वास्थ्य का आकलन करता है और पित्त नलिकाओं में रुकावट का पता लगाता है।
  • कंप्लीट ब्लड काउंट(Complete Blood Count): यह टेस्ट आपके खून में लाल रुधिर कोशिकाओं और सफेद रुधिर कोशिकाओं की संख्या को मापता है।
  • पैंक्रियाटिक एंजाइम टेस्ट(Pancreatic Enzyme Test): यह आपके खून में पैंक्रियाज या अग्नाशय से आने वाले एंजाइम के स्तरों को मापता है, जिससे पैंक्रियाज में क्षति या इन्फ्लेमेशन के बारे में जानकारी मिलती है।

इमेजिंग टेस्ट(Imaging Test):

  • सीटी स्कैन और पेट का अल्ट्रासाउंड: यह पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन) का पता लगाने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला टेस्ट है।
  • एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड: यह टेस्ट छोटी पथरियों का पता लगाने में मदद करता है, जो CT स्कैन या अल्ट्रासाउंड में सामने नहीं आती हैं।
  • मैग्नेटिक रेजोनेंस कोलेजनियो-पैनक्रिएटोग्राफी (MRCP): यह एक नॉन-इनवेजिव टेस्ट है जो पित्त नलिकाओं को देखता है और उनकी स्पष्ट weइमेज प्रदान करता है।

निष्कर्ष

यदि आपके डॉक्टर ने पित्त पथरी के उपचार के लिए कोलेसिस्टेक्टोमी या पथरी हटाने के लिए सर्जरी का सुझाव दिया है तो इस बिमारी के भविष्य में होने की संभावना कम होती है आमतौर पर, पथरी एक बार हटाने के बाद दुबारा नहीं बनती है।
यदि किसी वजह से आप सर्जरी नहीं करवा सकते हैं तो आपको और आपके डॉक्टर को आपकी प्रगति पर नज़र रखने की आवश्यकता होगी और कई बार डॉक्टर आपको चिकित्सा प्रबंधन में निगरानी में भी रख सकता है। यह हमेशा ध्यान मे रखे की ऐसी कोई दवाई नहीं है जो कि पथरी को पूरी तरह से गला दे।
यदि पित्त पथरी की वजह से आपको कोई लक्षण अनुभव नहीं हो रहे हैं तो इसका उपचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप भविष्य में उन्हें बिगड़ने से बचाना चाहते हैं, तो कुछ जीवनशैली में परिवर्तन कर सकते हैं।